संज्ञा और सज्ञा के भेद , हिंदी व्याकरण

 



संज्ञा

- किसी व्यक्ति प्राणी वस्तु स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं I

व्यक्तियों के नाम :- मयंकसान्वीमहेशप्रतिभा पाटिलसचिनरोहनगीता  आदि

वस्तुओं के नाम :- कुरसीटेबलसंदूकफूलबर्तनपुस्तकसोनाकेला आदि

प्राणियों के नाम :- पशु - पक्षीकीड़ेजानवर आदि

स्थानों के नाम :- भारतजयपूरइंदौरअमेरिकामुंबईदेहली आदि

भावों के नाम :- शूरता,  उदासमिठासअच्छाईबुराईगरीबीअमीरीलोभप्रेमक्रोध आदि

आओ कुछ उदाहरण देखें:-

1. राम ने बाण चलाया I
यहाँ 
राम व्यक्ति का नाम हैं और बाण वस्तु का नाम हैं I

2.अंगूरों में खटास है 
यहाँ 
अंगूर वस्तु का नाम हैं और खटास भाव का नाम हैं I

संज्ञा के भेद

- संज्ञा के पाँच भेद होते हैं : -

1 - व्यक्तिवाचक संज्ञा
2 - जातिवाचक संज्ञा
3 - भाववाचक संज्ञा

4 - द्रव्यवाचक संज्ञा
5 - समूहवाचक / समुदायवाचक

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा - जिन संज्ञा शब्दों से किसी विशेष व्यक्तिविशेष वस्तु या विशेष स्थान के नाम का बोध हो वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ -

व्यक्ति का नाम - राममहात्मा गाँधीसचिनमधुबालासुरेश आदि।
स्थान का नाम - ताजमहलइंडिया गेटहिमालय पर्वतलाल किलाकुतुबमीनार आदि।
वस्तु का नाम टाटा चायकुरानगीतारामायणलावा मोबाइल आदि।
देशों के नाम भारतजापानअमेरिकापाकिस्तानसिंगापुर आदि।
दिशाओं के नाम उत्तरपश्र्चिमदक्षिणपूर्व।
राष्ट्रीय जातियों के नाम - भारतीयरूसीअमेरिकी आदि।
समुद्रों के नाम काला सागरहिन्द महासागरप्रशान्त महासागरदक्षिणी सागर आदि।
नदियों के नाम गंगाब्रह्मपुत्रसरस्वतीकृष्णायमुना सिन्धु आदि ।
ऐतिहासिक युद्धों और घटनाओं के नाम - पानीपत की पहली लड़ाईसिपाही-विद्रोह आदि ।
दिनोंमहीनों के नाम - जुलाईदिसंबरजनवरीशनिवारबुधवार आदि ।
त्योहारोंउत्सवों के नाम - होलीदीवालीक्रिसमस ईद ,रक्षाबन्धनविजयादशमी।
नगरोंचौकों और सड़कों के नाम - मुंबईलिंक रोडजयपुरचाँदनी चौक आदि ।

2. जातिवाचक संज्ञा - जिन संज्ञा शब्दों से किसी व्यक्तिवस्तु या स्थान की संपूर्ण जाति का बोध होवे जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

जातिवाचक संज्ञाएँ - लड़कावस्तुनदीमनुष्यपहाड़जानवरसागर आदि।

लड़का से रामसचिनसुरेशक्षितिज आदि सभी लड़कों का बोध होता है।
वस्तु से मकानकुर्सीपुस्तककारगुलाबफुटबॉल आदि सभी वस्तु का बोध होता है।
नदी से गंगायमुनाकावेरी आदि सभी नदियों का बोध होता है।
मनुष्य कहने से संसार की मनुष्य-जाति का बोध होता है।
पहाड़ कहने से संसार के सभी पहाड़ों का बोध होता है।
जानवर कहने से संसार के सभी जानवर का बोध होता है।
सागर कहने से संसार के सभी सागर का बोध होता है।

3. भाववाचक संज्ञा  - जिन संज्ञा शब्दों से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण दोषअवस्थाधर्म अथवा व्यापार का बोध होवे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं।

भाववाचक संज्ञा शब्द - उत्साहईमानदारीबचपनबुढ़ापासुंदरतापिटाईबनावट आदि।

सुंदरताईमानदारीवीरताबेईमानी से गुण दोष का बोध होता है।
बचपनबुढ़ापायौवनबाल्यावस्थागरीबीअमीरी से अवस्था का बोध होता है।
भावुकताकठोरताश्रेष्ठताअहंकारक्रोधप्रेममोह से मन के भाव का बोध होता है।

4. 
द्रव्यवाचक संज्ञा  जिस संज्ञा शब्द से किसी पदार्थद्रव्य या धातु का बोध होवे द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं। इन संज्ञाओं को नापा- तोला जा सकता है पर गिना नहीं जा सकता इनसे हम दूसरी वस्तुएँ भी निर्मित कर सकते हैं |

द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द - चाँदीताँबापाराघीदूध आदि |

मिट्टीसोनाचाँदीलोहा  से धातु का बोध होता है।
चायकॉफ़ीघीदूधपानी  से द्रव्य  का बोध होता है।

5. 
समूहवाचक / समुदायवाचक  - जिस संज्ञा शब्द से समूह अथवा समुदाय का बोध होवे समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

 
समूहवाचक संज्ञा शब्द - भीड़कक्षाटोलीसेना आदि |